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Ratan Tata VS Mukesh Ambani कौन कितना अमीर है The Kalam News


नई दिल्ली: ताज़ा खबर हिन्दी जब भी अमीरों का कोई भी जिक्र होता है तो लोगों के दिमाग में दो ही नाम आते हैं. मुकेश अंबानी और रतन टाटा (Ratan Tata VS Mukesh Ambani) दोस्तों रतन टाटा बनाम मुकेश अंबानी कौन है ज्यादा अमीर





मुकेश अंबानी और रतन टाटा में कौन सबसे ज्यादा अमीर है (Ratan tata vs Mukesh ambani who is richer) इस आर्टिकल में आपको बताएंगे, आपके मन में यह सवाल जरूर होगा कि इन दोनों में से अमीर कौन है? नेट वर्थ व कागजों की बात करें या रिकॉर्ड की मुकेश अंबानी ज्यादा अमीर हैं, रतन टाटा और,,,









मुकेश अंबानी के पूरी जीवनी के बारे में अगर जानकारी चाहिए तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें, दोस्तों मुकेश अंबानी और रतन टाटा के नेट वर्थ के बारे में अगर जानकारी चाहिए तो (Ratan Tata VS Mukesh Ambani)











रतन टाटा इतिहास,,





इनके पिछले इतहास जानना जरूरी है पहले हम रतन टाटा का इतिहास और नेट वर्थ जानेंगे (Ratan tata net worth) दोस्तों टाटा ग्रुप का यह इतिहास अजा से लगभग 152 साल पुराना सन 1868 में शुरू हुआ था क्यूंकि उसी समय जमशेदजी टाटा ने टाटा ग्रुप का स्थापना किया अगर हम बात करें जमशेदजी टाटा की तो उनका जन्म 1839 में गुजरात





के नौसाड़ी में हुआ था, जमशेदजी टाटा 14 साल गुजरात में बिताने के बाद (Ratan Tata VS Mukesh Ambani) अपनी पढ़ाई के लिए मुंबई आ गये थे, जमशेदजी टाटा मुंबई में रहकर उन्होंने ग्रेजुएशन पूरी की और अपने पिता जी के साथ काम करने लगे





जमशेदजी टाटा बिजनेस





जमशेदजी टाटा अपने पिताजी के काम





जमशेदजी टाटा अपना खुद का काम यानी कि अपना बिजनेस शुरू करना चाहते थे, (Ratan Tata VS Mukesh Ambani) हालांकि उस समय ब्रिटिश शासन के चलते अपना खुद का व्यवसाय शुरू करना इतना आसान नहीं था। अपना खुद का व्यवसाय शुरू करना बहुत मुश्किल था, लेकिन जमशेदजी टाटा के इरादे बिल्कुल अटल थे।आखिर कर जमशेदजी टाटा ने सन 1868 में 21000 की जमा पूजी से एक कॉटन कंपनी की सुरवात की, और यहीं से टाटा ग्रुप की नींव पड़ी





जमशेदजी टाटा उस समय 29 वर्ष के थे और उन्होंने खुद का व्यवसाय शुरू किया (Ratan Tata VS Mukesh Ambani) नागपुर शहर में कॉटन मिल बना कर सुरवात किया था





क्वालिटी प्रोडक्ट बनाना चाहते थे





जमशेदजी टाटा हमेशा क्वालिटी प्रोडक्ट बनाने में विश्वास रखते थे, (Ratan Tata VS Mukesh Ambani) और वह कॉटन के व्यापार को समझने के लिए कई बार इंग्लैंड भी गए। जमशेदजी टाटा अपनी कॉटन मिल्स को अच्छी तरीके से चलाया, और उन्होंने अपने आगे की प्लानिंग की शुरू कर दी थी असल बात यह थी जमशेदजी टाटा के अरमान एक स्टील कंपनी खोलने की और हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर बनाना और भारत में एजुकेशन इंस्टीट्यूट खोलना उनका सपना था, जमशेदजी टाटा भारत को सशक्त देश बनाना चाहते थे, उनका सपना तभी संभव हो सकता था जब भारत





में शिक्षा का स्तर सुधरेगा, जमशेदजी टाटा इन तीनों लक्ष्यों को पूरा करने के लिए अपना काम शुरू कर दिया था. लेकिन दोस्तों अफसोस की बात यह थी कि वह











अपने जीवन में इन तीनों लक्ष्यों में से एक भी लक्ष्य पूरा नहीं कर पाए जमशेदजी टाटा के साथ एक बार का वाकिया हुआ उनको इंडियन होने के नाते फाइव स्टार होटल में जाने से रोक दिया गया था और तभी उन्होंने सोचा कि एक दिन एक फाइव स्टार होटल बनाएंगे, (Ratan Tata VS Mukesh Ambani) जिसके अंदर सभी भारतीयों को जाने की आजादी होगी (Ratan tata net worth) और उन्होंने तभी मुंबई का मशहूर ताज होटल बनवाया था, असल बात जमशेदजी टाटा अपने से ज्यादा भारत के लोगों से प्यार करते थे साल सन 1904 में जमशेदजी टाटा के निधन के





बाद घर और टाटा ग्रुप की सारी जिम्मेदारी दोराबजी टाटा जमशेदजी टाटा के बीटे पर आगई उन्होंने अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाई (Ratan tata net worth) अपने पिताजी के सारे प्रोजेक्टों को पूरा किया और उनका एक नई ऊंचाई दी दोराबजी टाटा अपने पिता जी का सपना पूरा करते हुए उन्होंने इस्टील प्लांट लगाया साल 1938 के बाद टाटा ग्रुप की सारी भागदौड़ की जिम्मेदारी JRD TATA पर आगई JRD TATA एक जबरदस्त बिजनेसमैन थे उन्होंने बहुत तेजी से नई कंपनियों और नया बिजनेस शुरू कर दिया करते थे जिस वक्त वह टाटा ग्रुप के,,





चेयरमैन हुआ करते थे जब जेआरडी टाटा टाटा समूह के अध्यक्ष बने उस समय टाटा समूह की 14 कंपनियां थीं दोस्तों जेआरडी टाटा ने सबसे पहले भारत में हवाई जहाज एयरलाइंस एयर इंडिया के नाम से शुरू की थी जिसको आज भारत सरकार चलाती है (Ratan tata vs mukesh ambani net worth) इसके अलावा टाटा के कुछ मशहूर कंपनियां जैसे की टाटा केमिकल्स टाटा चाय टाटा मोटर्स टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज की शुरुआत जेआरडी टाटा ने ही की थी साल 1991 में जब जेआरडी टाटा ने टाटा कंपनी का चेयरमैन पद छोड़ा था जब कंपनियों की संख्या 14 से 95 पहुंच गई थी जमशेदजी टाटा दोराबजी टाटा की तरह जेआरडी टाटा भी खुद से पहले भारत और भारतीय नागरिकों के बारे में सोचते थे इसलिए सोशल काम को एक कदम और आगे ले गए थे दोस्तों जेआरडी टाटा चेयरमैन के बाद टाटा ग्रुप के चेयरमैन बने रतन टाटा











चेयरमैन बनने के बाद टाटा के सभी समूह बिजनेस और कंपनियां और भी नई-नई उंचायों को छूने लगी थीं (Tata ambani House) टाटा सिर्फ भारत ही नहीं पूरी दुनिया मैं बिजनेस करने लगा था, दोस्तों यह तो बात हुई टाटा ग्रुप की अब हम बात करेंगे मुकेश अंबानी के इतिहास के बारे में,





Ratan tata vs Mukesh ambani quora





मुकेश अंबानी का इतिहास





दोस्तों मुकेश अंबानी की यह कहानी साल सन 1960 से शुरू होती है, (Tata vs Reliance) क्योंकि उनके पिता उसी साल रिलायंस कमर्शियल क्रॉप (Reliance commercial crop) की शुरुआत की थी, दरअसल धीरूभाई अंबानी का जन्म 1932 में गुजरात के जूनागढ़ में हुआ था, वैसे तो उनके पिता एक टीचर थे लेकिन फिर भी धीरूभाई अंबानी का पढ़ाई में कोई खास मन नहीं लगता था उन्होंने दसवीं कक्षा के बाद पढ़ाई छोड़ दी और छोटी मोटी नौकरिया करना शुरू कर दिया था लेकिन दोस्तों उनका मन खुद का व्यापार करने का हुआ करता था अपने इसी सपने को पूरा करने के लिए





साल सन 1960 में मुंबई के अंदर (Ratan tata vs mukesh ambani leadership style) अपनी पहली कंपनी रिलायंस कमर्शियल कॉरपोरेशन की शुरुआत की यह कंपनी भारतीय मसालों और पॉलिएस्टर यदि का व्यापार करती थी इसके बाद 1966 में धीरूभाई ने कपड़े का व्यापार शुरू किया और अपनी दूसरी कंपनी रिलायंस टैक्सटाइल इंजीनियर प्राइवेट लिमिटेड की नींव डाली सन 1973 में इस कंपनी का नाम बदलकर रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड रख दिया गया धीरूभाई अंबानी ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं थे लेकिन उनके अंदर बिजनेस करने की जबरदस्त काबिलियत थी





वह लोगों का भरोसा जीतने में और अपनी बात मनवाने में माहिर थे, (Ratan tata net worth) यही वजह थी कि उस जमाने में भी उनके पास रिलायंस में इन्वेस्टर जरूरत से ज्यादा मौजूद थे,जबकि दूसरी कंपनियां दिन रात मेहनत करने के बाद भी इन्वेस्टरों का भरोसा नहीं जीत पाते इसके बाद दोस्तों धीरूभाई अंबानी ने कई बिजनेस की शुरुआत की उन्होंने जिस बिजनेस में हाथ डाला उसमें टॉप के बिजनेसमैन बन गए साल 2002











में धीरूभाई अंबानी का देहांत होने के बाद (Ratan tata vs mukesh ambani net worth) उनके दोनों बेटों मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी के बीच बांट दिया गया लेकिन बाद में अनिल अंबानी को बिजनेस में लॉस होने लगा जिसके कारण उनकी कई कंपनियां बैंक करप्ट हो गई अभी कुछ समय पहले ही उनका एक बयान आया था की करोबार में घाटा होने के करण इस समय उनकी नेट वर्थ जीरो हो गई है, इसके विपरीत मुकेश अंबानी को अपने पिताजी के विरासत में मिले बिजनेस को बहुत अच्छे ढंग से चलाया और अपने हिस्से आई सभी कंपनियों को इतनी ऊंचाई पर ले गए की उनकी गिनती केवल भारत ही नहीं पूरी दुनिया के अमीर लोगों में किया जाता है, दोस्तों यह तो दोनों कंपनियों का इतिहास था





Ratan tata vs mukesh ambani net worth





Ratan Tata VS Mukesh Ambani





रतन टाटा मुकेश अंबानी दोनों की तुलना करके यह पता लगाने की प्रयास करेंगे दोनों में से ज्यादा अमीर कौन है, (Ratan tata vs Mukesh ambani who is richer) दोस्तों मुकेश अंबानी की अगर बात की जाए उनकी प्रमुख कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड, रिलायंस रिटेल, रिलायंस पेट्रोलियम, और रिलायंस जिओ, आदि सभी कंपनियां रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की है,





Tata vs Reliance





दोस्तों अब अगर बात करें हम टाटा ग्रुप की रिलायंस कंपनियों की तुलना में इसकी सहायक कंपनियों की संख्या बहुत ज्यादा है, (Tata ambani House) जबकि टाटा ने दुनिया के हर इंडस्ट्रीज में अपना दस्तक दे रखा है, अगर हम ऐसे में दोनों कंपनियों की मार्केट वैल्यू की बात करें, मैक्सिमम टाईम मार्केट वैल्यू टाटा का रिलायंस से ज्यादा रहता है अब ऐसे में यह सवाल उठता है अगर मार्केट वैल्यू टाटा का रिलायंस से ज्यादा है तो रतन टाटा का नेट वर्थ मुकेश अंबानी के नेट वर्थ इतना क्यों कम है असल में इसका कारण है, मुकेश अंबानी रिलायंस इंडस्ट्रीज के 48 फीसदी शेयरों के मालिक हैं इस लिए सितम्बर में उनका नेट वर्थ 88 बिलियन डॉलर था,बात करें अगर रतन टाटा की तो टाटा कंपनी में उनके शेयर 1 फीसदी से भी कम हैं अब ऐसे में यह सवाल भी





उठता है और रतन टाटा 1 फीसदी शेयर के मालिक हैं तो बाकि के शेयर होडिंग किसके पास है तो दोस्तों हम आपको बता दें कि 66 फीसदी शेयर होडिंग उनके द्वारा बनाए गए चैरिटेबल संस्थानों के पास हैं, जिसमें से रतन टाटा ट्रस्ट, सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट, और टाटा एजुकेशन ट्रस्ट, और बहुत सी संस्थानों के नाम शामिल हैं, दोस्तों यह सभी संस्थाएं अलग-अलग क्षेत्रों में भारतीय लोगों की मदद करने का काम करती हैं,





तो अगर यह 66 फीसदी शेयर अगर रतन टाटा के पास होते तो यकीनन वह भारत ही नहीं पूरे एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति कहलाते दोस्तों इन सब चीजों से हमें पता चलता है मुकेश अंबानी भले ही पेपर पर अमीर हैं लेकिन असली अमीर तो रतन टाटा ही हैं बाकी इन दोनों लोगों की बारे में आपका क्या ख्याल है आर्टिकल को शेर करो कमेंट करो थेंक यू









Md. Zubair arrested वा नूपुर शर्मा पर FIR दोनों पर धाराएं





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Dr. Maryam Afifa Ansari मुस्लिम समुदाय के पहली न्यूरोसर्जन











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